Spical Report : सीएम योगी के प्रयासों का दिखा असर , पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की गुलाबी मीनाकारी राखी की बढ़ी डिमांड
वाराणसी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से वाराणसी के जीआई उत्पाद की मांग घरेलू व अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार बढ़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के जीआई उत्पादों में प्रमुख ग़ुलाबी मीनाकारी से बने उत्पाद को मोदी-योगी ने बड़ा बाजार उपलब्ध करा दिया है, जो महिलाओं को बड़ी तादात में रोजगार भी उपलब्ध करा रहा है। अब ये हैंडीक्राफ्ट उत्पाद चाइना के उत्पादों को भी मात देने लगे हैं। रक्षा बंधन में गुलाबी मीनाकारी की राखियों की डिमांड देश विदेश से आ रही है।
पीएम की पहल और सीएम की अपील का असर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिल्पियों के हुनर को बढ़ावा देने के लिए लोगों से अपील की थी, की वे त्योहारों व अन्य अवसरों पर अपने प्रियजनों को जीआई और ओडीओपी के उत्पाद उपहार में दें। वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी काशी की गुलाबी मीनाकारी के उत्पादों को विदेशी दौरों पर अन्तरराष्ट्रीय नेताओं को तोहफे के रूप में जरुर देते हैं।
देश-विदेश से मिला 10 लाख रुपये का ऑर्डर
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कुंज बिहारी ने बताया कि गुलाबी मीनाकारी की राखी की मांग घरेलू और विदेशी मार्केट में बढ़ी है। रक्षा बंधन के मौके पर अमेरिका समेत कई देशों और घरेलू बाजार से करीब दस लाख रुपये से अधिक का आर्डर मिला है। जिससे पांच सौ से अधिक महलाओं को रोजगार मिला है। पार्ट टाइम काम करके महिलाएं रोज़ाना 200 से 500 रुपये कमा ले रही हैं।
गुलाबी मीनाकारी में होता है चांदी का काम
कुंज बिहारी के अनुसार चाइना की राखी की जगह इस बार बहनें अपने भाई की कलाई पर हैंडमेड गुलाबी मीनाकारी की राखी बांधना ज्यादा पसंद कर रही हैं। गुलाबी मीनाकारी की राखी में चांदी का काम किया जाता है। इस राखी की ख़ासियत ये भी है की बाद में इसे लॉकेट (पेन्डेन्ट) और ईयर रिंग की तरह भी इस्तमाल किया जा सकता है।
पीएम-सीएम की पहल से हैंडिक्राफ्ट उद्योग को मिला है बल
वाराणसी के संयुक्त आयुक्त उद्योग उमेश सिंह ने बताया कि पीएम और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मेहमानों को काशी की धरोहर हैंडीक्राफ्ट उत्पादों को गिफ्ट देने से इसकी मांग विश्व भर में बढ़ी है। इसके साथ ही चाइनीज़ उत्पादों की मांग भी काफी घटी है। साथ ही शिल्पियों खासतौर पर महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है।
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